आपसी प्रेम और विश्वास के संबंधो को, क्या ,हम सचमुच निभा रहे हैं ? आपसी प्रेम और विश्वास के संबंधो को, क्या ,हम सचमुच निभा रहे हैं ?
प्रेम: एक दुर्लभ जिन्स प्रेम: एक दुर्लभ जिन्स
इसके होने से या ना होने से भी धरती नहीं हिलेगी हमारी ये सिंदूरी रेखा मेरे केशों से। . इसके होने से या ना होने से भी धरती नहीं हिलेगी हमारी ये सिंदूरी रेखा मेरे ...
ऐसे ही तो होता है मानवता का पुनर्जन्म ! ऐसे ही तो होता है मानवता का पुनर्जन्म !
मैं खुद को तुम में सौंप कर हम करने चली थी। मैं खुद को तुम में सौंप कर हम करने चली थी।
जन्म जन्म के प्यासों को, केवल मरुस्थल ही मिलता है ! जन्म जन्म के प्यासों को, केवल मरुस्थल ही मिलता है !